ज़िंदगी किसी के काम आ जाए.. A+ A- Print Email कोन जाने कब मौत का पैगाम आ जाए,ज़िंदगी की आखरी शाम आ जाए,हमे तो इंतजार है उस शाम काजब हमारी ज़िंदगी किसी के काम आ जाए..
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